"आरंभ है प्रचंड" एक पॉपुलर हिंदी गीत है, जो 2015 में रिलीज हुआ था। यह गीत फिल्म "गुलाल" में शामित नरेंद्र तोमर (स्वानंद किरीटी) द्वारा गाया गया था और इसे प्रश्न पटेल द्वारा लिखा गया था। यह गीत राष्ट्रीयवादी भावनाओं का प्रतीक है और उस समय की जोश और उत्साह को प्रकट करता है। आरम्भ है प्रचण्ड - Aarambh Hai Prachand (Rahul Ram, Piyush Mishra, Gulaal)
Aarambh Hai Prachand Lyrics in Hindi /
"आरंभ है प्रचंड" के लिरिक्स:
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आरंभ है प्रचंड, बोल
मस्तकों की करम
लड़ा जब सरहद पे मैंने सुना है
सिंगार के बागों से मैंने यह वक्त की कहानी
सुना है
सूरज के आगे जलेगा कौन?
प्यासे को पानी देने, उसकी इच्छा की रखवाली करने
जो आयेगा वो मंजिल भी देखेगा
सिंहासन खाली करवाने, मेले में जो मसीहा आयेगा
जो फोड़े जो बेलें, वो ही राजा होगा
हे दुनिया उसी की है तुझको तश्नगी है, उसी की धडकनों में आज
संघर्ष है ये शूरवीर का
ना हारावो कभी
राजा ने तेरी सुनी है
तू इतना अच्छा नहीं है
आरंभ है प्रचंड, बोल
परवाज़ है दीवारों पर
उड़ान की अब आसमानों में
नीला था उजाला, आया लहराया
चला आसमानों में आज
हर किसी ने कह दिया
के तू है अमानत अनपढ़
नया सूरज चमकेगा कैसे
जाने वाला है कौन?
हे दुनिया उसी की है तुझको तश्नगी है, उसी की धडकनों में आज
संघर्ष है ये शूरवीर का
ना हारावो कभी
राजा ने तेरी सुनी है
तू इतना अच्छा नहीं है
आरंभ है प्रचंड, बोल
ये सांसें है मानवता की
इन्हें समझो, समझाओ
हर घड़ी रहता है दयालु
कोई तुझको रुलाये तो
तुझसे खफा होकर गया हो
बच्चा बच्चा रुआ है इन्हें अपनी माँ स
े
सोच उठा बच्चे, वक़्त अब है जिद्द की
अब कोई भी दीवारों से हो लालच के मारे
जो रफ़ू दें उनको हो कई गुना नाकामियों से
संघर्ष है ये शूरवीर का
ना हारावो कभी
राजा ने तेरी सुनी है
तू इतना अच्छा नहीं है
आरंभ है प्रचंड, बोल
नाना नाना रे, जी की ये आवाज़ है
हर ओर नन्हे मुन्ने होते है ख़वाब सज़ा
नाना नाना रे, जी की ये आवाज़ है
हर ओर नन्हे मुन्ने होते है ख़वाब सज़ा
नाना नाना रे, जी की ये आवाज़ है
हर ओर नन्हे मुन्ने होते है ख़वाब सज़ा
नाना नाना रे, जी की ये आवाज़ है
हर ओर नन्हे मुन्ने होते है ख़वाब सज़ा
नाना नाना रे, जी की ये आवाज़ है
हर ओर नन्हे मुन्ने होते है ख़वाब सज़ा
कोई तारीक़ नहीं, कोई माहीना
कोई दिन है या तु जीवन
कोई तारीक़ नहीं, कोई माहीना
कोई दिन है या तु जीवन
कोई तारीक़ नहीं, कोई माहीना
कोई दिन है या तु जीवन
कोई तारीक़ नहीं, कोई माहीना
कोई दिन है या तु जीवन
ना तुझमे सानु, ना मैं मैं मैं जी
ना तुझमे सानु, ना मैं मैं मैं जी
ना तुझमे सानु, ना मैं मैं मैं जी
ना तुझमे सानु, ना मैं मैं मैं जी
संघर्ष है ये शूरवीर का
ना हारावो कभी
राजा ने तेरी सुनी है
तू इतना अच्छा नहीं है
आरंभ है प्रचंड, बोल
करनी है बड़ी महेनत, बड़ा इनाम होगा
मंजिल आज तेरे क़दमों में
बस एक बार तू हासिल कर
किस्मत की लकीरों में
मंजिल आज तेरे क़दमों में
संघर्ष है ये शूरवीर का
ना हारावो कभी
राजा ने तेरी सुनी है
तू इतना अच्छा नहीं है
आरंभ है प्रचंड, बोल
ये रवाइये नई ये सवालों से पूछें
हम अब राजा है, तू क्या अपना मानेगा?
ये रवाइये नई ये सवालों से पूछें
हम अब राजा है, तू क्या अपना मानेगा?
हे दुनिया उसी की है तुझको तश्नगी है, उसी की धडकनों में आज
संघर्ष है ये शूरवीर का
ना हारावो कभी
राजा ने तेरी सुनी है
त
ू इतना अच्छा नहीं है
आरंभ है प्रचंड, बोल
करनी है बड़ी महेनत, बड़ा इनाम होगा
मंजिल आज तेरे क़दमों में
बस एक बार तू हासिल कर
किस्मत की लकीरों में
मंजिल आज तेरे क़दमों में
संघर्ष है ये शूरवीर का
ना हारावो कभी
राजा ने तेरी सुनी है
तू इतना अच्छा नहीं है
आरंभ है प्रचंड, बोल
करनी है बड़ी महेनत, बड़ा इनाम होगा
मंजिल आज तेरे क़दमों में
बस एक बार तू हासिल कर
किस्मत की लकीरों में
मंजिल आज तेरे क़दमों में
संघर्ष है ये शूरवीर का
ना हारावो कभी
राजा ने तेरी सुनी है
तू इतना अच्छा नहीं है
आरंभ है प्रचंड, बोल
ये सांसें है मानवता की
इन्हें समझो, समझाओ
हर घड़ी रहता है दयालु
कोई तुझको रुलाये तो
तुझसे खफा होकर गया हो
बच्चा बच्चा रुआ है इन्हें अपनी माँ से
संघर्ष है ये शूरवीर का
ना हारावो कभी
राजा ने तेरी सुनी है
तू इतना अच्छा नहीं है
आरंभ है प्रचंड, बोल