इसरो ने शुक्रवार (1 सितंबर) को इस मिशन से जुड़ी जानकारी देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर बताया, "आदित्य-एल1 पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर, सूर्य की ओर निर्देशित रहेगा, जो पृथ्वी-सूर्य की दूरी का लगभग 1 प्रतिशत है."
क्या सूर्य पर उतरेगा आदित्य-एल1?
Aditya-L1 Mission Launch News |
भारतीय स्पेस एजेंसी ने आगे कहा, "सूर्य गैस का एक विशाल गोला है और आदित्य-एल1 सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करेगा. आदित्य-एल1 न तो सूर्य पर उतरेगा और न ही सूर्य के करीब आएगा." इसरो ने दो ग्राफ के जरिए इस मिशन को लेकर और अच्छी तरह से जानकारी दी.
यान को होलो ऑर्बिट में रखा जाएगा
आदित्य-एल1 मिशन में अंतरिक्ष यान को लैग्रेंज बिंदु-1 (एल-1) के चारों ओर एक होलो ऑर्बिट में रखा जाएगा. ये पृथ्वी से लगभग 1.5 लाख किमी दूर है. एल-1 बिंदु पर ग्रहण का असर नहीं पड़ता और इस जगह से सूरज को लगातार देखा जा सकता है.
लॉन्चिंग से पहले इसरो चीफ पहुंचे मंदिर
Aditya-L1 Mission Launch today |
इसरो ने बुधवार (30 अगस्त) को ही आदित्य-एल-1 मिशन का लॉन्च रिहर्सल और रॉकेट की आंतरिक पड़ताल पूरी कर ली थी. इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया है कि इस मिशन को नियत स्थान पर पहुंचने में 125 दिन लगेंगे. इसरो चीफ लॉन्चिंग से पहले शुक्रवार को तिरुपति के सुलुरुपेटा में श्री चेंगलम्मा परमेश्वरी मंदिर गए और मिशन की सफलता के लिए पूजा-अर्चना की.